यूं तो हर उम्र में ही हमें हमारे दांतों की देखभाल करना चाहिए, लेकिन वृद्धावस्था में इसका महत्त्व और बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि, बढ़ती उम्र के साथ हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। हमें खाना पचाने में ज्यादा समय लगता है और यदि हमारे दांत कमज़ोर होंगे तो हम खाना ठीक से चबाकर नहीं खा पाएंगे। इससे पाचन तंत्र पर और भी ज़ोर पड़ेगा और इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम वृद्धावस्था में अपने दांतों का बहुत अच्छी तरह ध्यान रखें। आइये देखें कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जो इसमें आपकी सहायता कर सकती है।
कम से कम दो बार ब्रश करें
जी हाँ, वैसे तो हर उम्र के ही लोगों को सुबह और रात को ब्रश करना ही चाहिए, लेकिन वृद्धजनों को तो यह अनिवार्य है। इसके साथ ही अच्छी की फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का उपयोग करना भी अच्छा होता है।
रात को ब्रश करने से मुंह में बैक्टीरिया का स्तर बहुत कम हो जाता है और दांतों और मसूढ़ों की बीमारियाँ होने की सम्भावना कम हो जाती है ।
अगर किसी कारण से वृद्ध व्यक्ति ब्रश करने में असमर्थ हों तो इलेक्ट्रिक ब्रश का उपयोग करना चाहिए।
हर बार कुछ खाने के बाद माउथवॉश करें
वैसे तो कुछ भी खाने के बाद ब्रश करना अच्छी आदत है, लेकिन अगर यह संभव नहीं हो तो किसी अच्छे माउथवॉश से कुल्ला करें। इससे बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं।
कुछ मीठा खाने के बाद तो माउथवॉश अवश्य करें। इससे दांत स्वस्थ रहेंगे।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
रोग प्रतिरोधक क्षमता का सीधा सम्बन्ध हमारे स्वास्थ्य से है। अगर वृद्धावस्था में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छे हो तो अन्य बीमारियों के साथ-साथ दांतों की बीमारियाँ होने की भी सम्भावना कम हो जाती है।
इसके लिए अच्छा खान-पान और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है। संतुलित भोजन अर्थात प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और वसा की उचित मात्रा का सेवन और फलों, हरी सब्जियों, और मेवों का भोजन में समावेश करना आवश्यक है। अगर आप मांसाहारी हैं तो अंडे, मांस और मछली का सेवन अवश्य करें।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में नियमित योगासन, प्राणायाम और ध्यान करने से बहुत फायदा होता है। इसलिए अपनी दिनचर्या में इन्हें ज़रूर शामिल करें।
कैल्शियम के स्तर का ध्यान रखें
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है। हम जानते ही हैं कि हमारे दांत कैल्शियम से बने होते हैं। शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर दांत कमज़ोर हो जाते हैं।
इसलिए यह ज़रूरी है कि भोजन में कैल्शियम की अधिकता वाले पदार्थों का सेवन करें। दूध, दालें, तिल्ली, गुड, हरी सब्जियां आदि कैल्शियम के अच्छे स्त्रोत हैं। साथ ही ज़रूरी होने पर कैल्शियम की गोलियां डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिये।
नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करवाएं
वैसे तो हर उम्र के व्यक्ति को ही साल में कम से कम दो बार दाँतों के डॉक्टर से चेकअप अवश्य करवाना चाहिए, लेकिन वृद्ध व्यक्तियों के लिए यह अनिवार्य है।
बढ़ती उम्र के साथ दांतों में कई प्रकार की समस्याएँ पैदा हो जाती है और अगर ये जल्दी पकड़ में न आये, तो काबू से बाहर हो जाती है। इसलिए हर छह माह में दांतों के डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
डॉक्टर के द्वारा बताये गए उपचार और दवाइयों को नियमित रूप से लेना भी ज़रूरी है। कई बार यह देखा गया है कि वृद्ध लोग या तो डॉक्टर को दिखाते नहीं है, और अगर दिखाते भी हैं तो उपचार नहीं करवाते हैं।
इससे समस्या और गंभीर हो जाती है।
अगर उपरोक्त सभी बातों का ध्यान रखा जाए, तो वृद्धावस्था में भी दांत मज़बूत बने रहेंगे। साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहेगा और अन्य समस्याओं से बचे रहेंगे।