दांतो की अच्छी देखभाल हर व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होती है। इसमें की गई लापरवाही दांत और उससे जुड़ी समस्याओं का कारण हो सकती है। दांतो में हुई तकलीफ किसी भी व्यक्ति को बहुत परेशान कर देती है। मसूड़ों का दर्द उन समस्याओं में से एक है जो आज कल लोगो में आम समस्या बन गयी है।
बच्चो से लेकर बूढ़े लोगों तक सभी मसूड़ों के दर्द से परेशान है। मसूड़ों में दर्द के बहुत से कारण हो सकते है, जो की एक डेंटिस्ट ही अच्छी तरह से बता सकता है। इसका सही समय पर अच्छे से इलाज करना बहुत जरुरी है। मसूड़ों में दर्द के शुरूआती दौर में कोई संकेत नहीं होते है, लेकिन बाद में बहुत तकलीफ होती है।
मसूड़ों की बीमारी क्या है?
मसूड़ों की बीमारी, मसूड़ों में दर्द और सूजन पैदा करती है। इसमें मसूड़ों में से खून भी निकल आता है और लाल निशान भी दिखाई देते है। यह बीमारी दो प्रकार की होती है। पहला है जिंजिवाइटिस, जिसमें मसूड़ों में दर्द और सूजन होता है। जिंजिवाइटिस यह एक पहले चरण की बीमारी है, जिसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
दूसरा होता है पेरियोडोंटाइटिस, जिसमे बहुत दर्द होता है, सूजन होती है, और कभी कभी खून भी निकल आता है। पेरियोडोंटाइटिस, यह दूसरे चरण की मसूड़ों में दर्द की बीमारी है और उसका इलाज भी बहुत कठिन होता है। यदि पेरियोडोंटाइटिस का इलाज तुरंत नहीं किया गया तो यह आपके जबड़े तक तकलीफ पहुंचा सकती है।
मसूड़ों की बीमारी के क्या लक्षण होते है?
मसूड़ों की बीमारी की शुरुआती चरण में बहुत ही सुक्ष्म लक्षण देखने को मिलता है।
मसूड़ों की बीमारी के कुछ लक्षण यहाँ पर लिखे है:
- मसूड़ों में सूजन हो जाती है
- खाना चबाते समय और ब्रश करते समय कभी कभी खून का निकल आना
- मसूड़ों में दर्द होना
- मुँह में से दुर्गन्ध आना
- दांतों का मसूडों से ढीले पड़ जाना
जब कभी मसूड़ों की बीमारी होती है तो ऊपर दिए गए कुछ मुख्य लक्षण पाये जाते है।
मसूड़ों की बीमारी के क्या कारण हो सकते है?
मसूड़ों की बिमारि के बहुत से कारण हो सकते है, जो कि मुख्यतौर पर दाँतों का ठीक से खयाल न रखना है।
मसूड़ों की बिमारियों के कारण यहाँ पर लिखे गए है:
1. दांत का टूटना
जब कोई दांत किसी कारण टूट जाता है, तो वह उसके आस-पास मौजूद मसूड़ों में तकलीफ पैदा करता है। कुछ समय बाद यह तकलीफ जबड़े तक पहुंच जाती है और आस-पास मौजूद मसूड़ों में दर्द और सूजन पैदा करती है जिससे मसूड़े कमजोर हो जाते है।
2. दांत का सड़ना
जब कोई दांत सड़ने लगता है, तो वहां मौजूद बैक्टीरिया भी दिन-पे-दिन बढ़ते जाते है। इस वजह से वहाँ मौजूद सभी मसूड़ों में भी बहुत तकलीफ होती है और बैक्टीरिया मसूड़ों पर फैल जाता है। आम तौर पर वह दाँत अपने आस-पास के दांतों को भी सड़ा देता है।
3. ज्यादा मीठा खाना
किसी भी मसूड़ों के दर्द का मुख्य कारण वहां पर बैक्टीरिया का लगातार बढ़ना है। ज्यादा मीठा खाने से मसूड़ों पर बैक्टीरिया का स्तर बहुत बढ़ जाता है और उन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बहुत लोग मीठा खाते समय सावधानी नहीं बरतते जो मसूड़ों पर बहुत बुरा असर डालता है।
4. खाने के बाद मुँह ठीक से न धोना
बैक्टीरिया का प्रमाण मीठे खाने में बहुत ज्यादा है, उसके अलावा अन्य खाने में भी रहता है। अगर खाना खाने के बाद मुँह ठीक से नहीं धोया गया तो बैक्टीरिया दांत और मसूड़ों पर बहुत समय तक रह जाते है। इस वजह से मसूड़ों की बीमारी शुरु हो जाती है।
5. शुरुआती मसूड़ों की तकलीफ को नज़रंदाज़ करना
जिंजिवाइटिस शुरुआती मसूड़ों की बीमारी है। इसमें सिर्फ हल्का दर्द, थोड़ा सूजन, और अन्य लक्षण पाये जाते है। अगर, इस शुरुआती चरण में मसूड़ों का इलाज नहीं किया गया तो मसूड़ों का दर्द बहुत बढ़ जाता है। ऐसे हालात में मसूड़ों की बीमारी ज्यादा बढ़ जाती है और उसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है।
6. ब्रशिंग और फ्लॉसिंग अच्छी तरह से नहीं करना
ब्रशिंग और फ्लॉसिंग दोनों ही दांतों का ख्याल रखने के लिए बेहद जरुरी है। इनसे बैक्टीरिया बहुत कम हो जाता है और मसूड़ों की बीमारी की सम्भावना कम हो जाती है।
ऊपर दिए गए कुछ मसूड़ों के दर्द के मुख्य कारण है, जिस वजह से बीमारी होती है। अगर मसूड़ों में दर्द से बचना है तो ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान रखना चाहिए। इन सब के अलावा, डेंटिस्ट से हर 6 महीने में दांतों का चेक-उप करवाना भी जरूरी है। यह आपके मसूड़ों को बहुत समय तक अच्छी सेहत बनाए रखने में मदद करता है
विशेषज्ञ की राय
Dr. Zita Antao सबका डेंटिस्ट के डेंटल डायरेक्टर कहते हैं "मसूड़ों में दर्द के बहुत से कारण हो सकते है, तो इस स्थिति में यह सलाह दी जाती है कि मसूड़ों का ख्याल रखे और समय समय पर दांतों का चेक-उप करवाते रहे।"