हमारे दांत चेहरे की मुस्कान को खूबसूरत बना देते है। क्या कभी सोचा है कि हमारे दांत ही न रहे या टूट जाए तो क्या हो? ऐसा सोचने पर ही मन अजीब सा हो जाता है या अजीब से ख्याल आने लगते है। जिन लोगों के दांत टूट गए है, ये उन लोगों के लिए एक परेशानी का विषय है। अक्सर हमने बुज़ुर्गो को ‘नकली दांत’ लगाते देखा है, जिसे ‘कृत्रिम दांत’ कहा जाता है।
‘निकालने वाले दांत’ ऐक्रेलिक के द्वारा बनाए जाते हैं। जिन्हें साफ़ करने के लिए मुंह से नियमित तौर पर बाहर निकालना होता है। साथ ही, सफ़ाई का खास ध्यान रखना भी आवश्यक है। ऐसे दांत बनाने के लिए मरीज़ के मुंह का माप लेकर प्रयोगशाला में भेज दिया जाता है। इसके बाद मरीज़ को २ से ३ बार डेंटिस्ट के पास विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए जाना पड़ता है। दांत पूरी तरह से तैयार होने पर मरीज़ को लगा दिए जाते हैं। दांत बन जाने के बाद भी आपको २ या ३ बार डेंटिस्ट के पास जाकर दांत को ठीक करवाना पड़ सकता है।
केवल धातु या मेटल के, धातु और पोर्सिलेन के, सिर्फ पोर्सिलेन के।
अधिकतर आगे के दांतों में पोर्सिलेन और जड़ों में पोर्सिलेन के साथ धातु का उपयोग किया जाता हैं। पोर्सिलेन के दांत ज्यादा प्राकतिक और आकर्षक दिखते हैं। सबसे पहले डेंटिस्ट मरीज़ के मुंह और दांत का निरीक्षण करते हैं। फिर उसके बाद यदि किसी दांत में सड़न होती हैं, तो उसका इलाज़ किया जाता है। कुछ एक्स-रे करने के बाद मुंह का माप लिया जाता है। जिन दांतों की सहायता से नए दांत बनाए जाते हैं, उन्हें थोडा छोटा आकर देकर पुनः माप लिया जाता है। फिर तुरंत ही डेंटल प्रयोगशाला में भेज दिया जाता है। तकनीशियन मरीज़ के माप के अनुसार दांत को बनाते हैं। २ से ३ दिन बाद दांत बनकर तैयार हो जाते हैं और मरीज़ के मुंह में लगा दिए जाते हैं।
नकली या कृत्रिम दांत (Dentures) मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है:
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- १. निकलने वाले दांत: (Removable Dentures)

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- २. स्थिर दांत:
स्थिर दांत किस प्रकार लगाए जाते हैं?
स्थिर दांत ‘क्राउन और ब्रिज‘ के माध्यम से लगाए जाते हैं। यह तब लगाए जाते हैं, जब मरीज़ के मुंह में अपने कुछ प्राकृतिक दांत बचे हो क्योंकि उन दांतों के उपयोग से ही नए दांत बनाए जाते हैं। इसके माध्यम से अक्सर आसपास के दूसरे दांतों के आकार को थोडा सा छोटा किया जाता है, ताकि उसके ऊपर नए दांत या कैप की जगह बनाई जा सकें। सरल भाषा में क्राउन (Crown) को कैप भी कहा जाता है। इस इलाज़ के दौरान यह ध्यान रखना आवश्यक होता हैं कि आपके बाकी के दांत स्वस्थ हों और उनमें कोई कीड़ा न लगा हो। जिससे इलाज़ में कोई रुकावट न आए।दांत लगवाने के बाद अपने मुंह की विशेष रूप से देखभाल करना क्या जरूरी है?
कृत्रिम दांतों को लगवाने के बाद अपने मुंह की अच्छी तरह से देखभाल करना और भी ज्यादा जरुरी है। अपने दांतों के लिए सबसे मुलायम ब्रश का ही चयन करें। रोजाना सुबह और शाम अपने दांतों, मसूड़ों, जीभ और अपने मुंह की तालू पर ब्रश करें। इससे दांतों की मैल तो साफ़ होती ही है। साथ ही, मुंह में रक्त प्रवाह ठीक प्रकार से होता है। अपनी जीभ को साफ़ करने के लिए ‘टंग क्लीनर’ का प्रयोग करना चाहिए। इसकी मदद से जीभ आसानी से साफ़ हो जाती है। पूरे मुंह की सफ़ाई के लिए कोसे पानी से गगारे किए जाए तो मुंह के साथ-साथ गला भी स्वच्छ हो जाता हैं। अगर अपने दांतों पर दाग-धब्बों या पपड़ी के जमाव को देखते हैं तो अपने नकली दांत को दंत टीम से साफ़ कराएं।कैप/ क्राउन/ ब्रिज (Cap, Crown, Bridge) कितने प्रकार के होते हैं और कैसे इस्तेमाल होते है?
